भारत सरकार अमेरिका के साथ एक नए व्यापार सौदे के करीब है, अगर यह करने में सफल होते हैं, तो दोनों देशों के बीच लगभग दो साल से चल रहे व्यापार वार्ताओं को खत्म कर देगी। वैसे इस सौदे के बारे में अटकलें पहले से ही लगाईं जा रही थी। चाहे वह प्रधानमंत्री मोदी का “हाउडी मोदी” में जाने के समय से हो या ट्रंप का “नमस्ते ट्रंप” सम्बोधन हो।
कुछ विश्लेषकों की मानें तो उनके अनुसार यह आने वाले समय में दोनों देशों के लिए लाभदाई रहेगा। जहां अमेरिका, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से है, वहीं भारत, एशिया का तीसरा सबसे बड़ा आर्थिक पावरहाउस है।
भारत के वाणिज्य मंत्री पियुष गोयल ने कहा कि हम एक व्यापारिक सौदे(समझौते) के काफी करीब हैं। अमेरिका के साथ एक व्यापार सौदे के कई लाभों में से एक भारत की विशेष व्यापार स्थिति की बहाली भी शामिल है।
India and the US are on the cusp of a limited trade package. pic.twitter.com/R2zwEFBB34
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 22, 2020
पिछले साल भारत ने कर(टैक्स) 100 प्रतिशत से 50 प्रतिशत कर दिया। फिलहाल एक सीमित व्यापार सौदा भी दोनों पक्षों के बीच बहुत मुद्दों को हल करने में मदद कर सकता है, और आगे इसमें बढ़ोत्तरी की भी संभावनाएं रहेंगी। रिपोर्ट्स की मानें तो इस सौदे के तहत, भारत अमेरिका को अपने डेयरी बाजार तक पहुंच खोलने की सोच रहा है, जबकि वहीं भारत जेनेरिक ड्रग्स निर्यात के लिए रियायतें मांग रहा है।
भारत अकेले अमेरिका का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। भारत के साथ अमेरिकी व्यापार 2018 में अनुमानित $ 142.6 बिलियन (डीएच 52334 बीएन) के रहे। और यह प्रतिवर्ष लगभग 10 फीसदी बढ़ रहा है जो कि अनुमानतः साल 2025 तक कुल $ 500 बिलियन हो जाएगा।
जिसमें से 58.7 बिलियन निर्यात और 83.9 बीएन आयात शामिल था। भारत के शीर्ष आयात वस्तुओं में कीमती धातुओं और पत्थरों, साथ फार्मास्यूटिकल्स भी शामिल हैं, जबकि अमेरिका से भारत के प्रमुख निर्यात में खनिज ईंधन और विमान शामिल हैं।
अमेरिका, इस नए व्यापार सौदे के साथ, व्यापार में होने वाले घाटे को नियंत्रित करने की कोशिश में होगा, जो भारत के लिए मिश्रित परिणाम दे सकता है। यह प्रत्यक्ष है कि भारत हालिया सीमा विवाद के बाद चीन के साथ अपने तनावपूर्ण संबंधों पर विचार करने के लिए अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करने पर विशेष रूप से जोर दे रहा है, वहीं अमेरिका भी चीन से दरकिनार होता नज़र आ रहा है। एसे में अमेरिका के लिए एशिया में भारतीय बाजारों से अधिक फायदेमंद शाय़द ही कोई हो।
कृषि और डेयरी उत्पाद, सेब और बादाम जैसे फार्म गुड्स डेटा गोपनीयता आदि तमाम क्षेत्रों में भारत व अमेरिका आदान-प्रदान कर सकते हैं।
बीते दिनों, वर्चुअल यूएस-इंडिया बिजनेस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित किया, जिससे ऊर्जा से बुनियादी ढांचे से लेकर कृषि तक हर क्षेत्र शामिल थे।
महामारी के प्रारंभ से ही भारत और अमरीका के रिश्तों में सुधार देखने को मिल रहा है, भारत ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका के साथ अपने व्यापार संबंधों के लिए इसकी बड़ी महत्वाकांक्षाएं हैं। वहीं वाणिज्य मंत्री श्री गोयल ने कहा हमें एक अधिक टिकाऊ, एक अधिक स्थायी, एक मुक्त व्यापार समझौते के रूप में साझेदारी की आवश्यकता है।
अब देखना यह है कि ये अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के पहले होते हैं या कब। इस वर्ष नवम्बर में चुनाव होने हैं। भारत के लिए लाभदाई रहेगा अगर यह चुनाव से पहले हो।